गृहिणी से बनी ई-कॉमर्स उद्यमी, ‘पूजा वाटिका’ के जरिए महिलाओं और समाज को दे रहीं नई दिशा
भारत की नई नारी शक्ति की तस्वीर बदल रही है और इसका जीता-जागता उदाहरण हैं शिवानी पांचाल। पॉलिटिकल साइंस में मास्टर और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट शिवानी ने गृहिणी रहते हुए परिवार और परंपराओं की जिम्मेदारियाँ निभाईं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपने सपनों को उड़ान देने का साहस दिखाया। आज उनकी पहचान एक सफल ई-कॉमर्स उद्यमी के रूप में है।
शिवानी पांचाल का ई-कॉमर्स में सफर
शिवानी ने Meesho से “पूजा वाटिका” की शुरुआत की थी, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने इस स्टोर को Flipkart और Amazon जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म्स तक पहुँचा दिया। उनके ऑनलाइन स्टोर में पूजा सामग्री, घर की सजावट से जुड़े प्रोडक्ट्स और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने वाली वस्तुएँ उपलब्ध हैं। देशभर से ग्राहक अब उनके प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं और “पूजा वाटिका” को एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में पहचान मिल रही है।
परंपरा और पर्यावरण का संगम
शिवानी ने सिर्फ ऑनलाइन बिज़नेस तक ही खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने गोबर से बनी वस्तुओं को भी बाजार में उतारा है। उनके अनुसार, “जब वातावरण शुद्ध होगा, तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे। गोबर से बनी वस्तुएँ न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखती हैं बल्कि भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से भी जोड़ती हैं।”
उनका मानना है कि युवाओं को भारतीय संस्कृति और अध्यात्म से जोड़ना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसी उद्देश्य से वे यह कार्य कर रही हैं।
गृहिणी से सफल उद्यमी बनने का उनका यह सफर हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो घर से भी कारोबार की दुनिया जीती जा सकती है। आज वे न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं बल्कि समाज में नई सोच और नई ऊर्जा का संचार कर रही हैं।
शिवानी पांचाल की “पूजा वाटिका” केवल एक ऑनलाइन स्टोर नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और अध्यात्म का संगम है। उनके प्रयास इस बात का संदेश देते हैं कि भारतीय महिलाएँ शिक्षा, परिवार और कारोबार तीनों में संतुलन बनाकर समाज को नई दिशा दे सकती हैं।
